Hot Posts

आपकी कीमत

 आपकी कीमत

गौतम बुद्ध से एक बार उनके प्रिय शिष्य ने पूछा- जीवन का मूल्य क्या है? बुद्ध ने उसे एक चमकता हुआ पत्थर दिया और कहा - इसका मूल्य पता करके आओ, पर इसको बेचना नहीं। शिष्य बाजार में एक अमरूद बेचने वाले के पास गया और उस पत्थर की कीमत पूछी। उसने कहा- इसके बदले 12 अमरूद ले जाओ। फिर वह एक आलू बेचने वाले के पास पहुंचा। उसने उसकी कीमत एक बोरी आलू लगाई | 

इसके बाद वह एक सुनार के पास गया, तो उसने झट से कहा- 50 लाख में मुझे बेच दो। मना करने पर उसने दो करोड़ तक मूल्य लगाया। आगे वह शिष्य एक हीरा - जौहरी के पास गया। जौहरी ने पहले एक लाल कपड़ा बिछाया, फिर उस पत्थर को, जो कि रूबी थी उस पर रखकर उसकी परिक्रमा की और माथा टेका। फिर कहा- कहां से ले आए यह बेशकीमती रूबी ? इस पूरे राज्य को बेचकर भी इसकी कीमत नहीं लगाई जा सकती। हैरान-परेशान शिष्य बुद्ध के पास पहुंचा और सारी बात बताई । बुद्ध ने कहा- जीवन रूबी है, पर ध्यान रखना कि सामने वाला अपनी हैसियत, अपने ज्ञान और अपनी समझ से ही तुम्हारी कीमत लगाएगा। अक्सर हम हताश हो जाते हैं, जब कोई हमारी सही कीमत नहीं आंकता। 

अलीबाबा के संस्थापक और दुनिया के सबसे अमीर लोगों में एक जैक मा को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने 10 बार दाखिला देने से मना किया। नौकरी के लिए वह 30 से ज्यादा बार ठुकराए गए। मगर जैक मा ने अपनी निगाहों में अपना मूल्य कभी कम नहीं होने दिया। बर्नार्ड शॉ एक चेतावनी अक्सर देते थे- आपको आंकने की कोशिश करने वाले हजारों मूर्ख हैं, आपको उन मूर्खों में शामिल नहीं होना है।

Post a Comment

0 Comments