लेखक:
सद्गुरु जग्गी वासुदेव | ईशा फाउंडेशन के संस्थापक
सद्गुरु कहते हैं कि "अवसाद का मतलब है – किसी खास तरह की निराशा का अंदर गहराई तक बैठ जाना।" यह निराशा धीरे-धीरे इंसान की ऊर्जा और उम्मीद को खत्म कर देती है।
वहीं दूसरी ओर, जो लोग अमीर होते हैं, उनके पास सब कुछ होता है, लेकिन फिर भी उनके चेहरे पर उदासी छाई रहती है। क्योंकि उनके लिए बाहर की दुनिया में पाने के लिए कुछ नया नहीं बचा। उनकी "आशा" मर चुकी होती है।
लेकिन संपन्न वर्ग के लोग, जिनके पास महंगे कपड़े, अच्छे घर, स्वादिष्ट खाना सब कुछ है – वे क्यों दुखी हैं? क्योंकि उन्होंने सब कुछ पा लिया है – बाहर की दुनिया में। लेकिन भीतर की दुनिया में अब भी अधूरापन है।
आध्यात्मिकता का यही उद्देश्य है – खुद को जानना। जब आप अपने जीवन में सिर्फ भौतिक चीजों के पीछे नहीं भागते, बल्कि अपनी चेतना के स्तर को ऊंचा करते हैं, तब आप अवसाद से बाहर निकलते हैं।
✅ क्या करें?
- हर दिन कुछ समय अपने साथ अकेले बिताएं।
- ध्यान, प्राणायाम और योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।
- अपने भीतर झांकें, और यह समझें कि आप क्या चाहते हैं।
- किसी अनुभवी गुरु या मार्गदर्शक से मार्गदर्शन लें।
- जीवन के प्रति कृतज्ञता विकसित करें।
सिर्फ भौतिकता से आगे बढ़ें – और अपनी चेतना को भी भोजन दें। तभी जीवन वास्तव में सुंदर होगा।
✍️Keywords
- अवसाद का कारण
- मानसिक तनाव
- Depression in Hindi
- Sadguru on depression
- आध्यात्मिक समाधान
- मानसिक स्वास्थ्य समाधान
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