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इच्छाशक्ति और सफलता

 इच्छाशक्ति और सफलता

              दुनिया व जीवन का हर खेल इच्छाशक्ति के सहारे ही चलता है. इच्छाशक्ति वह ताकत है, जिसके सहारे एक अपंग भी शिखर चूम सकता है. मैनेजमेंट कंसल्टेंट शाय रागनकर कहते हैं, 'वजन घटाने के लिए अनेक व्यक्ति प्रयास करते हैं, पर इच्छाशक्ति के अभाव से उन्हें असफलता मिलती है. अन्यथा जो व्यक्ति अपना सिर बायें से दायें हिला सकता है वह अपना वजन भी घटा सकता है.' यही सच है. इच्छाशक्ति इसी क्षण मात्र का विस्तार है. हां या न कहने मे जितना क्षण का समय लगता है , उतने में ही भाग्य का बड़ा रूप अपना आकार पा लेता है.

              हम अपना सिर बायें से दायें तो सैकड़ों बार हिलाते हैं. गहराई से विचार करे तो इसी मे जीवन का परिवर्तन छिपा है. जब सामने ऐसी कोई वस्तु हो जो हानिकारक तो है, पर उसे पा लेने की तीव्र ललक भी जगती है. ऐसे में यदि न कह दिया, तो उसी क्षण से जीवन का पूर्ण रूपांतरण प्रारंभ हो जायेगा. बच्चों का ही उदाहरण लें- सामने आइसक्रीम, चॉकलेट, चटपटे व्यंजन, मिठाइयां रखी हों, तब यदि बच्चे बायें से दायें या दायें से बायें सिर न में हिला सकें, तो वहीं व्यक्ति की इच्छाशक्ति आकार ले लेती है. अर्थात् एक क्षण में भाग्य तय हो जाता है. इससे स्पष्ट है कि यदि किसी ने तय कर लिया कि यह काम नहीं करना है, यह आदत अपने पास नहीं रखनी है, तो उसके साथ अपनी इच्छा भी जोड़ लें. इच्छाशक्ति मन रूपी नदी पर एक बांध है. इसके द्वारा अपने लक्ष्य का बहाव सफलता की ओर कर सकें, तो हमारा भाग्य खिल उठता है. मान लीजिये मन टीवी, इंटरनेट देखना चाहता है, ऐसे में मन को रखना इच्छाशक्ति के हाथ है. 

समस्या कैसी भी हो, समय बदलता ज़रूर है...

                  इच्छाशक्ति वह निर्णायक पहलू है जिसके सहारे व्यक्ति बड़े से बड़ा काम कर सकता है । इसी से यह भी सिद्ध होता है कि एक समय में यदि एक ही काम में ऊर्जा खर्च की जाये, तो उसका परिणाम सफलता से भरा होता है. तब ऊर्जा नष्ट होने से बचेगी. बस एक बार अपनी इच्छाशक्ति पर भरोसा हो भर जाये, तो दुनिया का कोई काम असंभव नहीं. ध्यान किसी एक तरफ लगाने से भीतर ऊर्जा का विकास होगा, जिसका उपयोग व्यक्ति किसी भी काम में कर सकता है.

- श्री सुधांशु जी महाराज

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